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Showing posts from July, 2018

नयी पडोसन और नीला दुपट्टा

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 ◽◽◽◽◽◽ मोहल्ले में नयी बहुत ही खूबसूरत और जवान पड़ोसन आकर आबाद हुई, उसके दो छोटे बच्चे थे, उसका शौहर शक्ल से ही खुर्रांट और बदमिज़ाज लगता था, पड़ोसन की ख़ूबसूरती देखकर ही मोहल्ले के तमाम मर्दों की हमदर्दियां उसके साथ हो गयीं ! पड़ोसन ने धीरे धीरे मोहल्ले के घरों में आना जाना शुरू किया, मिर्ज़ा साहब और शेख साहब को अपनी अपनी बेगमों से पता चला कि उस खूबसूरत पड़ोसन का शौहर बहुत ही शक्की और खब्ती था ! वो पड़ोसन अपने शौहर से बहुत खौफ खाती थी, ये सुन कर दोनों मर्द हज़रात की निगाहें आसमान की ओर उठ गयीं, दिल ही दिल में शिकवा कर डाला कि या अल्लाह कैसे कैसे हीरे नाक़द्रों को दे दिए हैं ! एक दिन वो खूबसूरत पड़ोसन सब्ज़ी वाले की दुकान पर शेख साहब को मिली, उसने खुद आगे बढ़कर शेख साहब को सलाम किया, शेख साहब को अपनी क़िस्मत पर नाज़ हुआ, पड़ोसन बोली शेख साहब बुरा न माने तो आपसे कुछ मश्वरा करना था ? शेख साहब ख़ुशी से बावले हो गए, वजह ये भी थी कि उस पड़ोसन ने आम अनजान औरतों की तरह भाई नहीं कहा था, बल्कि शेख साहब कहा था ! शेख साहब ने बड़ी मुश्किल से अपनी ख़ुशी छुपाते हुए मोतबर अंदाज़ में जवाब दिया " जी फर...

छोटा भाई ।

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Very heart touching Story... एक पाँच छ: साल का मासूम सा बच्चा अपनी छोटी बहन को लेकर मंदिर के एक तरफ कोने में बैठा हाथ जोडकर भगवान से न जाने क्या मांग रहा था । कपड़े में मैल लगा हुआ था मगर निहायत साफ, उसके नन्हे नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे । बहुत लोग उसकी तरफ आकर्षित थे और वह बिल्कुल अनजान अपने भगवान से बातों में लगा हुआ था । जैसे ही वह उठा एक अजनबी ने बढ़ के उसका नन्हा सा हाथ पकड़ा और पूछा : - "क्या मांगा भगवान से" उसने कहा : - "मेरे पापा मर गए हैं उनके लिए स्वर्ग, मेरी माँ रोती रहती है उनके लिए सब्र, मेरी बहन माँ से कपडे सामान मांगती है उसके लिए पैसे".. "तुम स्कूल जाते हो"..? अजनबी का सवाल स्वाभाविक सा सवाल था । हां जाता हूं, उसने कहा । किस क्लास में पढ़ते हो ? अजनबी ने पूछा नहीं अंकल पढ़ने नहीं जाता, मां चने बना देती है वह स्कूल के बच्चों को बेचता हूँ । बहुत सारे बच्चे मुझसे चने खरीदते हैं, हमारा यही काम धंधा है । बच्चे का एक एक शब्द मेरी रूह में उतर रहा था । "तुम्हारा कोई रिश्तेदार" न चाहते हुए भी अजनबी ब...